Ashok Stambh Controversy : नए संसद भवन में लगे विशालकाय अशोक स्तंभ को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच वार-पलटवार जारी है. कांस्य का बना यह प्रतीक 9,500 किलोग्राम वजन का है और इसकी ऊंचाई 6.5 मीटर है.इसे नए संसद भवन के शीर्ष पर बनाया गया है और प्रतीक को सहारा देने के लिए इसके आसपास करीब 6,500 किलोग्राम की स्टील की एक संरचना का निर्माण किया गया है. दरअसल विवाद अशोक स्तंभ में बने शेरों को लेकर है.विपक्ष का कहना है कि नए संसद भवन पर जो अशोक स्तंभ बना है उसमें लगे शेरों को गुस्से में दिखाया गया है ये इतिहास के साथ छेड़छाड़ है क्योंकि हमारे राष्ट्रीय चिन्ह में जो शेर हैं वो शांत हैं और उनका मुंह बंद है जबकि सरकार का कहना है कि नए संसद भवन में जो अशोक स्तंभ रखा गया है, वो पूरी तरह सारनाथ वाले मॉडल से ही प्रेरित है. उसमें किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया गया है.
1.सारनाथ के अशोक स्तंभ को 26 जनवरी 1950 में राष्ट्रीय प्रतीक के रूप में अपनाया गया.
2.महत्वपूर्ण सरकारी दस्तावेजों, मुद्राओं पर अशोक स्तंभ दिखायी देता है.
3.सम्राट अशोक ने 250 ईसा पूर्व में बनवाया था
4. सम्राट अशोक की युद्ध और शांति की नीति को दर्शाता है.
4.चुनार के बलुआ पत्थर के करीब 45 फुट लंबे प्रस्तरखंड से निर्मित
5.अशोक स्तंभ पर तीन लेख लिखे गए हैं
6. ब्राह्मी लिपि में लिखा पहला लेख अशोक काल का है.
7.दूसरा लेख कुषाण काल और तीसरा लेख गुप्त काल का है.
8. अशोक स्तंभ सारनाथ संग्रहालय में मौजूद है
. 9.चार शेर आत्मविश्वास, शक्ति, साहस और गौरव का प्रतीक
10. पूर्वी भाग में हाथी और पश्चिम में बैल
11. दक्षिण में घोड़े और उत्तर में शेर
12. इनके बीच बने धर्मचक्र में 32 तिल्लियां हैं
13. भगवान बुद्ध के 32 महापुरूष लक्षणों की प्रतीक हैं तिल्लियां
14. धर्म चक्र को राष्ट्रीय ध्वज में शामिल किया गया
9. स्तंभ में नीचे सत्यमेव जयते लिखा गया है जो कि मुंडकोपनिषद का एक सूत्र है
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