Resident Doctors Strike in Delhi: शौक नहीं मजबूरी है, ये हड़ताल जरूरी है ... देशभर में बढ़ते कोरोना केस और ओमिक्रॉन के खतरे के बीच ये कहते हुए जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर हैं. NEET-PG काउंसलिंग और प्रदर्शनकारी डॉक्टरों के खिलाफ दिल्ली पुलिस के एक्शन से नाराज डॉक्टरों ने मंगलवार को दिल्ली में हड़ताल कर दी, जिससे सभी सरकारी अस्पतालों का कामकाज ठप हो गया, खासकर OPD का.
मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया के साथ बैठक के बाद लग रहा था कि रेडिजेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) अपनी हड़ताल शाम तक वापस ले लेंगे, लेकिन एसोसिएशन ने आपसी बातचीत के बाद हड़ताल जारी रखी है. डॉक्टरों का कहना है कि हड़ताल की जिम्मेदार सरकार है, 7 महीने से NEET-PG की काउंसलिंग नहीं हुई है और अस्पतालों में 42 हजार डॉक्टरों की कमी है.
हालांकि AIIMS डॉक्टर्स एसोसिएशन ने इससे पहले ही कहा कि वो हेल्थ मिनिस्टर के आश्वासन पर 29 दिसंबर से हड़ताल खत्म कर रहे हैं.
वहीं स्वास्थ्य मंत्री ने डॉक्टरों को आश्वासन दिया है कि काउंसलिंग जल्द शुरू होगी.
डॉक्टर्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट डॉक्टर मनीष ने बताया कि उन्होंने सरकार के सामने अपनी दो मुख्य मांगें रखी हैं.
- पहली मांग है कि जल्द से जल्द NEET PG काउंसलिंग की डेट आए, 6 तारीख को ही जब SC में इसपर सुनवाई है
- दूसरी ये कि, पुलिस ने सोमवार देर शाम डॉक्टर्स के खिलाफ जो कार्रवाई की उसपर माफी मांगी जाए और डॉक्टरों पर दर्ज केस वापस लिए जाएं
FORDA नेताओं ने साथ ही ये भी कहा है कि अगर सुप्रीम कोर्ट की 6 जनवरी की सुनवाई में काउंसिलिंग डेट नहीं आएगी तो हम फिर स्ट्राइक करेंगे.
आपको बता दें कि NEET-PG की परीक्षा पास किए डॉक्टर्स को महीनों गुजर चुके हैं लेकिन EWS कोटा को लेकर मामला अदालत में है और डॉक्टरों की काउंसिलिंग और उनकी अस्पतालों में तैनाती रुकी हुई है. लिहाजा मौजूदा जूनियर डॉक्टरों पर काम का बोझ डबल हो गया है, उन्हें ना कोई छुट्टी मिल पा रही है और ना ही आराम. इसी के खिलाफ बीते एक महीने से डॉक्टर प्रोटेस्ट कर रहे थे.
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