Raksha Bandhan 2023: रक्षाबंधन... भाई-बहन के प्यार और उनके अटूट रिश्ते का त्योहार, बहन भाई की कलाई पर राखी बांधती है और भाई रक्षा का वचन देकर उसे जीवनभर निभाता है. ऐसे तो रक्षाबंधन से जुड़ी कई परंपराएं है. लेकिन हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जो साल में सिर्फ एक बार रक्षाबंधन के दिन ही खुलता है और बहनें-भाईयों को कलाई पर राखी बांधती हैं.
देवभूमि उत्तराखंड (Uttrakhand) की चमोली जिले (Chamoli) की उर्गम घाटी में मौजूद बंशीनारायण मंदिर (Bansi Narayan Temple) साल में एक बार केवल रक्षाबंधन के दिन ही खोला जाता है. पूरे साल 364 दिन इस मंदिर के कपाट बंद ही रहते हैं, इस प्राचीन मंदिर में भगवान नारायण और भगवान शिव दोनों की मूर्तियां स्थापित हैं.
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रीती रिवाजों के अनुसार, यहां की महिलाएं और लड़कियां पहले भगवान बंशीनारायण की पूजा करती हैं और उसके बाद ही अपने भाईयों को कलाई पर रक्षा (Rakhi) सूत्र बांधती हैं.
इस मंदिर से जुड़ी प्राचीन कथा के अनुसार, भगवान विष्णु अपने वामन अवतार से मुक्त होने के बाद सबसे पहले यही प्रकट हुए थे और इसके बाद से ही यहां भगवान नारायण की पूजा की जाती है. यहां पर लोगों को सिर्फ एक दिन ही पूजा करने का अधिकार मिला हुआ है.