Russia-Ukraine war: सीबीआई (CBI) ने एक ऐसे मानव तस्कर गिरोह का भंडाफोड़ किया, जो भारतीयों को यूक्रेन युद्धक्षेत्र में धकेलने का काम करता था. इस काम में शामिल रूस में रह रहे दो एजेंट के बारे में एजेंसी जानकारी जुटा रही है.
अधिकारियों ने बताया कि ये एजेंट रूस आने वाले भारतीयों का पासपोर्ट अपने पास कथित रूप से जमा कर लेते थे और उन्हें लड़ने के लिए मजबूर किया करते थे. राजस्थान की रहने वाली क्रिस्टीना और मोइनुद्दीन छीपा रूस में हैं और दोनों ही भारतीय युवाओं को वहां लुभावनी नौकरियों का झांसा देकर तस्करी किया करते थे.
अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय जांच एजेंसी की प्राथमिकी में भारत भर में फैली 17 अन्य वीजा कंसल्टेंसी कंपनियों, उनके मालिकों और एजेंटों को नामजद किया गया है. सीबीआई ने सभी पर आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और मानव तस्करी से संबंधित भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है.
सीबीआई ने आरोप लगाया कि आरोपी व्यक्ति अपने एजेंटों के माध्यम से भारतीय नागरिकों को रूसी सेना, सुरक्षा गार्ड, सहायक, बेहतर जीवन और शिक्षा से संबंधित नौकरियां दिलाने के बहाने रूस में तस्करी किया करते थे और पीड़ितों से अवैध रूप से बड़ी रकम वसूला करते थे.
एजेंटों ने विद्यार्थियों को रियायती शुल्क और वीजा में विस्तार की पेशकश कर सरकारी विश्वविद्यालयों के बजाय रूस में संदिग्ध निजी विश्वविद्यालयों में प्रवेश दिलाकर स्थानीय एजेंटों की दया पर छोड़ दिया. अधिकारियों के मुताबिक, जब ये भारतीय रूस पहुंचे तो वहां के एजेंटों ने उनके पासपोर्ट जब्त कर लिए और उन्हें लड़ाकू प्रशिक्षण के बाद सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिए मजबूर किया गया.
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