उदयपुर में दर्जी कन्हैया लाल की बेरहमी से हुई हत्या की देश के हर समुदाय में निंदा हो रही है. अजमेर दरगाह (Ajamer Dargah) के दीवान जैनुल आबेदीन अली खान ने कहा कि भारत के मुसलमान (Muslims) देश में कभी भी तालिबानी (Talibani) मानसिकता को स्वीकार नहीं करेंगे.
ये भी पढ़ें: Udaipur murder case: NIA करेगी जांच, अंतरराष्ट्रीय लिंक भी जाएंगे खंगाले ...गृह मंत्रालय का निर्देश
उन्होंने कहा कि कोई भी धर्म (Religion) मानवता के खिलाफ हिंसा को बढ़ावा नहीं देता है. विशेष रूप से इस्लाम धर्म में सभी शिक्षाएं शांति के स्त्रोत के रूप में कार्य करती हैं. खान ने कहा कि आरोपी कुछ कट्टरपंथी समूहों का हिस्सा थे जो हिंसा के रास्ते से ही समाधन ढूंढते हैं.
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी ने भी हत्या की घटना की निंदा की है. उन्होंने कहा कि जिसने भी इस घटना को अंजाम दिया उसे किसी भी तरह से जायज नहीं ठहराया जा सकता, यह देश के कानून और हमारे धर्म के खिलाफ है. इसके अलावा मौलाना ने देश के सभी नागरिकों से अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखने और कानून व्यवस्था बनाए रखने की अपील की.
आरोपी गिरफ्तार
वहीं, पुलिस ने इस भयानक हत्या को अंजाम देनेवाले दोनों आरोपियों को वारदात के कुछ ही घंटों के बाद गिरफ्तार कर लिया. बता दें कि इस पूरे मामले की शुरुआत तब हुई, जब कन्हैयालाल ने पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी करने वाली बीजेपी नेता नूपुर शर्मा के समर्थन में सोशल मीडिया में कुछ पोस्ट किया था. इसके बाद से ही कन्हैयालाल कट्टरपंथियों के निशाने पर आ गया था, उन्हें जान की धमकी भी मिल रही थी.