NDA सरकार को सत्ता संभाले केवल दो सप्ताह ही बीते हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल की शुरुआत यूजीसी-नेट और एनईईटी परीक्षाओं के पेपर लीक से जुड़े विवादों से हुई है.
इंडियन एक्सप्रेस अखबार के अनुसार NEET पेपर लीक और यूजीसी-नेट परीक्षा रद्द होने से छात्र विंग एबीवीपी सहित भाजपा और आरएसएस से जुड़े संगठनों में बेचैनी है. कई लोग एनटीए की विश्वसनीयता पर सवाल उठा रहे हैं, जिसका गठन मोदी के दूसरे कार्यकाल के दौरान उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश या फेलोशिप के लिए प्रवेश परीक्षा और भर्ती आयोजित करने के लिए किया गया था.
NEET की घटना का जिक्र करते हुए, एबीवीपी के राष्ट्रीय महासचिव याज्ञवल्क्य शुक्ला ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि एनटीए की विश्वसनीयता को भारी नुकसान हुआ है और कुप्रबंधन की धारणा है. उन्होंने लोकसभा चुनाव का जिक्र करते हुए आश्चर्य जताया कि जब भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व का ध्यान कहीं और था तो क्या कुछ गलत हुआ. भाजपा के राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने पेपर सेट करने वालों और कोचिंग संस्थानों के बीच किसी भी मिलीभगत के खिलाफ जुर्माना लगाने की बात कही है.
कुछ शैक्षिक संगठन जो वैचारिक रूप से सत्तारूढ़ भाजपा के साथ जुड़े हुए हैं, अपने विचारों को लेकर अधिक स्पष्ट हैं.आरएसएस से संबद्ध शिक्षा बचाओ आंदोलन ने एनईईटी-यूजी 2024 को रद्द करने, चल रही काउंसलिंग प्रक्रिया को बंद करने और अनियमितताओं की सीबीआई जांच की मांग की.
हालांकि, सरकार ने अभी तक NEET 2024 परीक्षा रद्द करने के बारे में कुछ नहीं कहा है. केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि एनटीए को बेहतर बनाने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति बनाई जाएगी, ताकि ऐसी दुर्घटनाओं को रोका जा सके.उच्च स्तरीय समिति को एनटीए की संरचना, प्रक्रियाओं, डेटा प्रबंधन और सुरक्षा प्रोटोकॉल को बढ़ाने के लिए सिफारिशें प्रदान करने का काम सौंपा गया है.समिति में टेक्नोक्रेट, वैज्ञानिक, शैक्षिक प्रशासक, शिक्षाविद् और मनोवैज्ञानिक शामिल होंगे.