Uttarkashi Rescue Operation: उत्तरकाशी में टनल के अंदर फंसे श्रमिक अब बाहर आ चुके हैं. इस दौरान बाहर आए एक श्रमिकों में से श्रमिक ने अपनी आप-बीती सुनाई है. इस दौरान उन्होंन बताया कि कैसे यह घटना घटी और उसके बाद किस तरह उन तक मदद पहुंचाई गई.
पहले 10-15 घंटे दिक्कत
श्रमिक विश्वजीत कुमार वर्मा ने कहा कि पहले 10-15 घंटे हमें दिक्कत का सामना करना पड़ा, बाद में पाइप के द्वारा खाना उपलब्ध कराया गया. बाद में माइक लगाया गया था और परिवार से बात हो रही थी. अब मैं खुश हूं." उन्होंने कहा, "जब मलबा गिरा तो हमें पता चल गया कि हम फंस गए हैं. सभी हमें निकालने के प्रयास में लगे रहे. हर तरह की व्यवस्था की गई. ऑक्सीजन की, खाने-पीने की व्यवस्था की गई.
खान-पान और हवा से संबंधित परेशानी
वहीं, एक दूसरे श्रमिक सुबोध कुमार वर्मा ने बताया, "हमें वहां (सुरंग) पर 24 घंटों तक खान-पान और हवा से संबंधित परेशानी हुई. इसके बाद पाइप के द्वारा खाने-पीने की चीज़ें भेजी गईं. मैं स्वस्थ हूं, कोई परेशानी नहीं है. केंद्र और राज्य सरकार की मेहनत थी जिस वजह से मैं निकल पाया.
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