भारत के गौरवपूर्ण इतिहास में छत्रपति शिवाजी महाराज का नाम बड़े सम्मान के साथ लिया जाता है. शिवाजी महाराज ने भारत में मराठा साम्राज्य की स्थापना की थी. वे उन महान राजाओं में थे जिन्होंने अकेले मुग़ल सल्तनत को चुनौती दी थी.उनकी कई युद्ध प्रणालियां आज के आधुनिक में भी प्रयोग में लाई जाती हैं.
शिवाजी महाराज की जन्मतिथि को लेकर मतभेद है, लेकिन स्वंत्रता सैनानी बाल गंगाधर तिलक ने उनकी जन्मतिथि का पता लगाने की कोशिश की थी, उन्होंने साल 1900 की 14 अप्रैल को अपनी पत्रिका 'केसरी' में छपे अपने लेख में इस मुद्दे पर विस्तार से जानकारी दी है. 'उन्होंने यह भी स्पष्ट रूप से लिखा है कि शिवाजी महाराज की जन्मतिथि को तय करने के लिए पुष्ट जानकारी उपलब्ध नहीं है'.
वीर शिवाजी के जीवन की महत्वपूर्ण घटनाएं
टोरणा की विजय (Conquest of Torana): यह मराठाओं के सरदार के रूप में शिवाजी द्वारा कब्जा किया गया पहला किला था. उन्होंने यह जीत महज 16 साल की उम्र में हासिल कर वीरता और दृढ़ संकल्प से अपने शासन की नींव रखी.
टोरणा की विजय ने शिवाजी को रायगढ़ और प्रतापगढ़ फतह करने के लिए प्रेरित किया और इन विजयों के कारण बीजापुर के सुल्तान को चिंता हो रही थी कि अगला नंबर उसके किले का हो सकता है और उसने शिवाजी के पिता शाहजी को जेल में डाल दिया था.
1659 इसवीं में शिवाजी ने बीजापुर पर हमला करने की कोशिश की, फिर बीजापुर के सुल्तान ने अपने सेनापति अफजल खान को 20 हजार सैनिकों के साथ शिवाजी को पकड़ने के लिए भेजा, लेकिन शिवाजी ने चतुराई से अफजल खान की सेना को पहाड़ों में फंसा लिया और बागनाख या बाघ के पंजे नामक घातक हथियार से अफजल खान की हत्या कर दी थी. अंत में, 1662 में, बीजापुर के सुल्तान ने शिवाजी के साथ एक शांति संधि की और उन्हें अपने विजित प्रदेशों का एक स्वतंत्र शासक बना दिया.
शिवाजी का राज्याभिषेक: 1674 ई. में, शिवाजी ने खुद को मराठा साम्राज्य का स्वतंत्र शासक घोषित किया और उन्हें रायगढ़ में छत्रपति शिवाजी के रूप में ताज पहनाया गया था. आपको बता दें की अब छत्रपति शिवाजी महाराज का सबसे खास हथियार 'बाघ नख' जल्द ही भारत वापस लाया जाएगा. वीर शिवाजी ने 6.7 फीट के दुश्मन अफजल खान को इसी 'बाघ नख' के जरिए मारा था.