Vikram-S Prarambh Mission: देश के पहले प्राइवेट रॉकेट विक्रम-S (Vikram-S) लॉन्च (Launch) कर भारत ने अंतरिक्ष में नए युग की शुरुआत कर दी. आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा (Sriharikota) से शुक्रवार सुबह करीब 11.30 बजे ISRO ने विक्रम-S को लॉन्च किया और इतिहास लिख दिया. मशहूर वैज्ञानिक विक्रम साराभाई (Vikram sarabhai) के नाम पर इस रॉकेट (Rocket) का नाम रखा गया है. यानी अब देश में भी निजी रॉकेट उड़ान भर सकेंगे और इन रॉकेटों की मदद से ISRO भविष्य में ज्यादा से ज्यादा सैटेलाइट लॉन्च (Satellite) कर सकेगा.
ये भी पढ़ें: Shraddha murder case: श्रद्धा को पीटता था आफताब, 3 दिन थी अस्पताल में!...सामने आई तस्वीर में दिख रहे चोट
हैदराबाद की निजी स्पेस कंपनी स्काईरूट एयरोस्पेस ने इस रॉकेट को बनाया है और ISRO ने लॉन्चिंग में मदद की. इस निजी स्पेस कंपनी स्काईरूट को IIT से पढ़ाई कर चुके और ISRO में काम कर चुके दो दोस्तों पवन कुमार चांदना और नगा भारत डाका ने 2018 में शुरु किया था और महज 4 साल में ही दोनों ने अपना पहला निजी रॉकेट लॉन्च कर दिया. दोनों ने इस पूरे मिशन को 'प्रारंभ' नाम दिया. तो आइए जानते हैं कि देश के पहले प्राइवेट रॉकेट विक्रम-S की खासियत और इस बनान वाले दो दोस्तों की सफलता की कहानी.
विक्रम-S आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा से सुबह 11.30 बजे हुआ लॉन्च
रॉकेट आवाज की गति से 5 गुना ज्यादा स्पीड से अंतरिक्ष की ओर गया
81.5 किमी की ऊंचाई पर तीन पेलोड सफलता से इजेक्ट किए
89.5 किमी. की अधिकतम ऊंचाई हासिल की और समुद्र में उतर गया
वजन- 546 kg, लंबाई- 8 मीटर, स्पीड- हाइपरसोनिक
कंपोजिट मटेरियल्स के इस्तेमाल से बना
रॉकेट में लगे हैं थ्रीडी प्रिंटेड क्रायोजेनिक इंजन
2 साल में 200 इंजीनियरों ने तैयार किया
स्पिन स्थिरता के लिए 3D प्रिंटेड इंजन से लैस
पेलोड क्षमता- 83 kg को 100 km ऊंचाई पर ले जाने की
इस कैटेगरी में बना दुनिया का सबसे सस्ता रॉकेट
अब जानते हैं कि इस निजी रॉकेट को किसने और कितने वक्त में बनाया.
स्काईरूट नाम की निजी स्पेस कंपनी ने बनाया
साल 2018 में दो दोस्तों ने शुरू की थी कंपनी
पवन कुमार चंदना और भरत डाका हैं संस्थापक
दोनों IIT में पढ़ाई और ISRO में कर चुके हैं काम
विक्रम-S के बाद इस सीरीज में विक्रम-I, विक्रम-II विक्रम-III