Independence Day: 5 अगस्त 1947 को भारत को आजादी मिली थी ... भारत अपना 77वां स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहा है... तब से लेकर अब तक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत ने कई बदलाव देखे... बदलाव की इन कड़ियों के बीच हम रोज कोई न कोई
भाषण सुनते हैं... लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत की आजादी के समय पंडित जवाहर लाल नेहरू ने कौन सा भाषण दिया था... आपको बता दें कि नेहरू ने 14 अगस्त की मध्यरात्रि में वायसराय लॉज मौजूदा राष्ट्रपति भवन से ऐतिहासिक
भाषण 'ट्रिस्ट विद डेस्टनी' (Tryst with Destiny) दिया था. इस भाषण को पूरी दुनिया ने सुना था. ये वाकया उस समय का है जब पंडित नेहरू प्रधानमंत्री नहीं बने थे. इस भाषण के बाद ही भारत स्वतंत्र हो गया था. वायसराय लॉज से पंडित नेहरू ने अपने भाषण की शुरूआत की थी, उन्हों ने कहा था -
'कई साल पहले हमने भाग्य को बदलने का प्रयास किया था और अब वो समय आगया है जब हम अपनी प्रतिज्ञा से मुक्त हो जाएंगे। पूरी तरह से नहीं लेकिन ये महत्वपूर्ण है। आज रात 12 बजे जब पूरी दुनिया सो रही होगी तब भारत स्वतंत्र जीवन के साथ नई शुरूआत करेगा...'
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भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने देश को पूर्ण आजादी मिलने पर 14 अगस्त, 1947 की मध्यरात्रि को ऐतिहासिक भाषण दिया था. इस भाषण का शीर्षक था - ‘ट्रिस्ट वि द डेस्टनी ’ यानी 'नियति से साक्षात्कार ’... इस भाषण को पूरी दुनिया ने सुना. नेहरू का यह भाषण 20वीं सदी के 11 महानतम भाषणों में शामिल माना जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं. ये विश्व प्रसिद्ध भाषण किसने लिखा था. दरअसल इस भाषण को खुद देश के प्रधानमंत्री बनने जा रहे जवाहर लाल नेहरू ने लिखा था. उस वक्त की ख़बरों के मुताबिक नेहरू काफी व्यस्थ थे. देश को आजादी मिलने वाली थी. और उधर नेहरू जी कई तरह के कामों में व्यवस्थ थे. उधर देश में उपजे हालात भी परेशानी बढ़ा रहे थे. और नेहरू ने ये ऐतिहासिक भाषण लिखने के लिए खुद को कुछ देर के लिए सबसे अलग कर लि या था. और रात में बैठकर ये ऐतिहासिक भाषण लिखा था. और जब नेहरू ने देश की आजादी की घोषणा इस भाषण के साथ की, तो हर कोई इस भाषण को सुनते रह गया. इसे 20 वीं सदी के सबसे चर्चित 11 भाषणों में जगह दी गई है.