Mukhtar Ansari: पैसा, पावर और पॉलिटिक्स...इन तीनों चीजों के साथ बाहुबली मुख्तार (Mukhtar Ansari) का रुतबा ऐसा था कि बड़े-बड़े अधिकारी, नेता उसके सामने सिर झुकाते थे. मुख्तार का ठाठ-बाठ ऐसा रहा कि एक से एक महंगी गाड़ियां उसके काफिले में थीं. वह गाड़ियों का शौकीन था. जब उसका काफिला चलता था, तो उसमें BMW, ऑडी, पजेरो, फोर्ड एंडेवर जैसी महंगी गाड़ियां चलती थीं...लेकिन मुख्तार का एक ख्वाब अधूरा रह गया.
मुख्तार अपने बेड़े में इंटरनेशनल गाड़ी 'हमर' को शामिल करना चाहता था. 2005 से जेल में बंद मुख्तार कहता था कि जब वह जेल से बाहर निकलेगा, तो हमर गाड़ी खरीदेगा.
मुख्तार के काफिले में हर गाड़ी एक ही कलर और ब्रांड की होती थी. सभी गाड़ियों का नंबर प्लेट 786 ही रखता था. इसका भी एक दिलचस्प किस्सा है. इस्लाम में 786 का खास महत्व है. माना जाता है कि यह अंक अरबी भाषा के बिस्मिल्लाह ए रहमान ए रहीम को दर्शाता है. यानी कि अल्लाह के नाम पर जो दयालु है.
एक दूसरी कहानी कहती है कि हर गाड़ी का नंबर 786 होने से कई बार उसके दुश्मनों को भी नहीं पता होता था कि मुख्तार किस कार में बैठकर जा रहा है.
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मुख्तार का दबदबा ऐसा था कि सिर्फ राजनीतिक गलियारों में ही नहीं, बल्कि जेलों में भी उसकी तूती बोलती थी. 19 साल के कैद के दौरान मुख्तार को तीन जेलों में रखा गया...मुख्तार जिस भी जेल में रहा, उसका रुतबा हमेशा बना रहा. चाहे गाजीपुर जेल हो, बांदा जेल या पंजाब की रोपड़ जेल. जेलर कोई भी हो, चली मुख्तार की ही.
गाजीपुर जेल में मुख्तार के लिए बैडमिंटन कोर्ट बनाने का किस्सा मशहूर है. द लल्लनटॉप के मुताबिक, पूर्व जेलर एसके अवस्थी ने बताया था कि गाजीपुर जेल में मुख्तार के लिए बैडमिंटन कोर्ड बनवाया गया था, जहां पर अधिकारी उसके साथ खेलने आते थे.
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बता दें कि गुरुवार को मुख्तार की मौत के बाद यूपी में अलर्ट घोषित किया गया है. देर रात फिरोजाबाद और आजमगढ़ में पुलिस ने मार्च किया. प्रयागराज जोन में भी अलर्ट घोषित किया गया है. उधर, मुख्तार के घर का गेट बंद है. उसके घर के बाहर पूरी तरह से सन्नाटा है.
उधर, मुख्तार के बेटे उमर अंसारी ने मुख्तार को धीमा जहर देने का आरोप लगाया. उसने कहा, 'पिता को धीमा जहर दिया जा रहा था, जिससे उनकी मौत हो गई.' उधर, समाजवादी पार्टी ने भी मुख्तार की मौत के मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है.
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