Wrestlers Protest: जंतर-मंतर (Jantar Mantar) पर धरने पर बैठे पहलवानों का मामला अब तूल पकड़ते जा रहा है. दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर किसान नेता राकेश टिकैत (Farmer leader Rakesh Tikait at Ghazipur border) के नेतृत्व में सैकड़ों किसानों को रोक दिया गया. यह सभी लोग नए संसद भवन के पास पहलवानों की ओर से किए गए प्रदर्शन में हिस्सा लेने के लिए जंतर मंतर जाना चाह रहे थे.
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि देश में तानाशाही चल रही है और भारत के लिए जीतने वाले पहलवानों के मेडल की कीमत लगाई जा रही. यह पहलवान और किसानों का भारी अपमान है. टिकैत ने कहा कि सरकार की इस तानाशाही के खिलाफ 2024 से पहले नए आंदोलन की शुरुआत होगी.
किसानों के प्रवेश को रोकने के लिए एहतियात के तौर पर अब गाजीपुर बॉर्डर को बंद कर दिया गया है. बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों की मौजूदगी के बीच किसानों और सुरक्षाकर्मियों के बीच तीखी बहस हुई. दिल्ली की ओर जाने वाले सभी रास्तों पर भारी पुलिस बल तैनात था.
जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे पहलवानों को नए संसद भवन के पास प्रदर्शन करने की इजाजत नहीं दी गई. ये पहलवान महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोप में भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार करने की मांग कर रहे हैं.
इस बीच, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया को दिल्ली पुलिस ने रविवार को सुरक्षा घेरा तोड़कर महिला ‘महापंचायत’ के लिए नए संसद भवन की ओर बढ़ने की कोशिश करने के बाद कानून और व्यवस्था के उल्लंघन के लिए हिरासत में ले लिया.
बता दें पहलवानों ने 23 अप्रैल को भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर अपना आंदोलन फिर से शुरू किया था.