राहुल गांधी (Rahul gandhi) का गलत वीडियो (doctored video) चलाने को लेकर हुए विवाद के बाद ZEE के न्यूज एंकर रोहित रंजन (Rohit Ranjan) को मंगलवार को नोएडा पुलिस ने हिरासत में ले लिया. लेकिन, इससे पहले जो हुआ वो अब सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय है. दरअसल, रोहित रंजन को हिरासत (Detained) में लेने के लिए दो राज्यों की पुलिस (Police) आपस में भिड़ गई. बात सिर्फ बहस तक ही नहीं थमी बल्कि छीनाझपटी तक पहुंच गई. आखिरकार नोएडा पुलिस ने रोहित रंजन को छत्तीसगढ़ पुलिस की गिरफ्तारी से बचाते हुए खुद डिटेन कर लिया. बताया जा रहा है कि नोएडा पुलिस ने रोहित रंजन को किसी और मामले में हिरासत में लिया है.
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दो राज्यों की पुलिस के बीच छीनाझपटी क्यों?
दरअसल, राहुल गांधी को लेकर गलत खबर दिखाए जाने के लिए रोहित रंजन के खिलाफ राजस्थान और छत्तीसगढ़ में केस दर्ज हुआ था. मंगलवार सुबह इसी मामले में छत्तीसगढ़ पुलिस रोहित को गिरफ्तार करने पहुंची. जिसके बाद एंकर ने इसकी सूचना गाजियाबाद पुलिस को दे दी. फिर जैसे ही छत्तीसगढ़ पुलिस ने रोहित को गिरफ्तार करने की कोशिश की गाजियाबाद पुलिस के साथ नोएडा पुलिस भी मौके पर पहुंच गई. जिसके बाद जमकर हंगामा हुआ पहले छत्तीसगढ़ पुलिस के साथ बहस हुई और फिर छीनाझपटी.
छत्तीसगढ़ पुलिस का कहना है कि कोर्ट के वारंट के बावजूद रोहित को गिरफ्तार नहीं करने दिया गया. वहीं नोएडा पुलिस का कहना है कि गिरफ्तारी के लिए तय प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया. लोकल पुलिस को इसकी सूचना नहीं दी गई.
क्या है मामला?
बता दें कि राहुल गांधी ने केरल के वायनाड में उनके कार्यालय पर हमला करने वाले युवकों पर बयान दिया था, और एंकर रोहित रंजन ने उदयपुर टेलर के हत्यारों के बारे में दिए गए बयान के तौर पर चला दिया. जिसके बाद खूब बवाल हुआ, सोशल मीडिया पर राहुल का फेक बयान वायरल हो गया. लेकिन सच्चाई सामने आने के बाद कांग्रेस ने कड़ी आपत्ति जताई. हालांकि, फिर रोहित रंजन ने इसे मानवीय भूल बताते हुए माफी मांग ली, लेकिन उनके खिलाफ केस दर्ज हो गए और इसी मामले में उन्हे गिरफ्तार करने छत्तीसगढ़ पुलिस पहुंची थी.