सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसले में व्यवस्था दी है कि हिंदू महिला के पिता की ओर से आए लोगों को उसकी संपत्ति में उत्तराधिकारी माना जा सकता है और ऐसे में ये लोग परिवार से बाहर के नहीं माने जाएंगे और हिंदू उत्तराधिकार कानून की धारा 15.1 डी के तहत ये प्रॉपर्टी के उत्तराधिकारी होंगे. कोर्ट ने हिंदू उत्तराधिकार कानून की व्याख्या की और कहा कि हिंदू महिला के पिता की ओर से आए घरवाले अजनबी नहीं हैं और परिवार का हिस्सा हैं. परिवार के मायने इतने संकीर्ण नहीं हो सकते और ऐसे में महिला के परिजन भी शामिल होते हैं. दरअसल एक ऐसे मामले की सुनवाई के दौरान ये बात कही, जब एक महिला जग्नो ने पति से मिली संपत्ति को अपने भाई के बेटों के नाम कर दी थी. जग्नो को ये संपत्ति पति की मौत के बाद मिली थी.