गुरुवार को दिल्ली से चंडीगढ़ लौटने के बाद कैप्टन ने साफ कर दिया कि अब वो किस रणनीति पर काम करेंगे और उनके निशाने पर कौन है. कैप्टन बोले कि वो अब कांग्रेस में नहीं रहेंगे लेकिन वो बीजेपी में भी नहीं जा रहे हैं. यानी साफ है कि कैप्टन अपना एक अलग मोर्चा बनाएंगे जोकि कांग्रेस और बाकी दलों के असंतुष्टों को मंच देने का काम कर सकता है. कैप्टन ने स्पष्ट किया कि वो अब सिद्धू से खुल कर दो दो हाथ करने के मूड में हैं और उन्होंने ऐलान किया कि सिद्धू जहां कहीं से भी चुनाव लड़ेंगे, वो उनको हराने का काम करेंगे.
राजनीतिक पंडितों की मानें तो कांग्रेस के कई विधायक कैप्टन के खेमे में कूद सकते हैं. अगर ऐसा हुआ तो पंजाब सरकार अल्पमत में आ सकती है. जब कैप्टन से ये सवाल किया गया कि ऐसी स्थिति बनी तो उनका रुख क्या होगा तो वो बोले कि ये देखना विधानसभा के स्पीकर का काम है. उन्होंने NSA अजीत डोभाल के साथ अपनी मुलाकात का भी ब्यौरा दिया और कहा कि उन्होंने पंजाब की सुरक्षा के मसले पर बैठक की थी और NSA को सीमापार से बढ़े ड्रोन खतरे के बारे में इनपुट दिए हैं.
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