Char Dham Project: 900 किलोमीटर लंबी चारधाम राजमार्ग परियोजना को लेकर केन्द्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट (supreme court) में राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला दिया है. केन्द्र (government) ने कहा है कि सेना अपने मिसाइल लॉन्चर और दूसरे साजो-समान बॉर्डर तक नहीं ले जा सकती तो फिर युद्ध कैसे लड़ेगी. केन्द्र सरकार ने बताया है कि 42 फीट लंबी ब्रह्मोस मिसाइल ( BrahMos Missile) और उसके लॉन्चर को यदि सीमा तक नहीं ले जा सके तो फिर ऐसी मिसाइल का क्या फायदा?
दरअसल, उत्तराखंड में भूस्खलन की चिंताओं के बीच सड़क चौड़ीकरण के खिलाफ एनजीओ 'सिटीजन फॉर ग्रीन दून' ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली है. एनजीओ इस सड़क परियोजना का विरोध कर रही है. इस पर सुनवाई के दौरान केन्द्र सरकार ने कहा कि भूस्खलन देश में कहीं भी हो सकता है, यहां तक कि वहां भी जहां कोई सड़क गतिविधि नहीं है, लेकिन इसके रोकथाम के लिए आवश्यक कदम उठाए गए हैं. इसी के जवाब में भूस्खलन कम करने के लिए उठाए जाने वाले कदमों के बारे में लिखित में दें. फिलहाल कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. बता दें कि 12,000 करोड़ रुपये की 900 किलोमीटर लंबी चारधाम परियोजना का उद्देश्य उत्तराखंड के चार पवित्र धामों – यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ को हर मौसम में संपर्क के लिए तैयार करना है.