विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि भारत और चीन के संबंध फिलहाल दोराहे पर खड़े हैं, और अभी जो विकल्प अपनाए जाते हैं उनका असर न सिर्फ दोनों देशों पर पड़ेगा बल्कि पूरी दुनिया भी इससे प्रभावित होगी. एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि पूर्वी लद्दाख की घटनाओं ने दोनों देशों के संबंधों को गंभीर रूप से प्रभावित किया है. जयशंकर बोले कि अब रिश्ते तभी आगे बढ़ सकते हैं जब इसे सुधारने को लेकर परिपक्वता दिखाई जाए और ये तभी होगा जब रिश्तों में आपसी सम्मान, संवेदनशीलता और साझा हित शामिल हों. जयशंकर ने कहा कि LAC का कड़ाई से पालन होना चाहिए, समझौतों को सम्मान होना चाहिए, यथास्थिति को बदलने की कोई कोशिश नहीं होनी चाहिए. विदेश मंत्री ने कहा कि हमें सीमा पर बड़ी संख्या में चीनी सैनिकों की तैनाती पर अबतक कोई यकीन करने लायक स्पष्टीकरण नहीं मिला है. जयशंकर बोले कि सीमा पर हालात की अनदेखी कर अगर हम सोचें कि सबकुछ पहले की तरह चलता रहे तो ये पॉसिबल नहीं है.