आने वाले दिनों में भारत में पानी की समस्या विकराल रूप ले सकती है. नीति आयोग ने अपने समग्र जल प्रबंधन सूचकांक यानी Composite Water Management Index (CWMI) 2018 की रिपोर्ट में इसे लेकर अलर्ट भी किया था और कहा था कि भारत इतिहास के अब तक के सबसे बड़े जल संकट से जूझ रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक आने वाले कुछ सालों में देश के 21 शहर Day Zero का सामना कर सकते हैं.
Day Zero का मतलब उस दिन से होता है जब किसी जगह पीने के लिए पानी नहीं बचता. जिन 21 शहरों को लेकर चेतावनी जारी की गई थी उसमें दिल्ली, बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद का नाम शामिल है.
इस रिपोर्ट के मुताबिक करीब 70 फीसदी घरों में पीने का पानी मुहैया नहीं है जबकि 84 फीसदी ग्रामीण घरों में पाइप से पानी नहीं पहुंचता. चिंता को बढ़ाने वाला एक तथ्य ये भी है कि देश में 70 फीसदी पानी पीने लायक नहीं है.
रिपोर्ट ये भी बताती है कि जहां पाइप के जरिये पानी की सप्लाई की जाती है वहां सप्लाई व्यवस्था में भी खामियां हैं. दिल्ली और मुबंई जैसे बड़े शहरों में महा नगरपालिकाओं में पानी के मानक से अधिक 150 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन (LPCD) पानी मिलता है जबकि दूसरे शहरों को 40-50 LPCD ही पानी मिल पाता है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक सभी बुनियादी साफ-सफाई और भोजन की जरूरतों को पूरा करने के लिए एक व्यक्ति को 25 लीटर पानी की जरूरत होती है. WHO का अनुमान है कि बाकी उपलब्ध पानी का उपयोग पोछा लगाने और साफ सफाई जैसे गैर पीने योग्य कामों में किया जाता है.