भारत की अर्थव्यवस्था मंदी के दौर से उबर आई है, आर्थिक विकास दर एक बार फिर पटरी पर लौट आई है. दिसंबर तिमाही में देश का सकल घरेलू उत्पाद यानि GDP में 0.4 फीसदी की बढ़त हुई है, मतलब भारतीय अर्थव्यवस्था मंदी के दौर से बाहर निकल आई है. वित्त वर्ष 2020-21 की पहली दो तिमाहियों में कोरोना के चलते भारत की GDP ग्रोथ रेट नेगटिव रही थी. पहली तिमाही में विकास दर -23.9 फीसदी रही थी, जबकि दूसरी तिमाही में यह -7.5 फीसदी दर्ज की गई थी. जब कोई अर्थव्यवस्था लगातार दो तिमाही गिरावट में रहती है तो तकनीकी रूप से उसे मंदी माना जाता है, भारतीय अर्थव्यवस्था इतिहास में पहली बार मंदी में आई थी. भारत अब उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है, जिसने 2020 के अंत में पॉजिटिव ग्रोथ रेट दोबारा हासिल कर ली है, हालांकि कई जगहों पर दोबारा कोरोना के मामले बढ़ने से चिंता अभी बनी हुई है. आपको बता दें कि रॉयटर्स के 58 अर्थशास्त्रियों ने अनुमान लगाया है कि अगले साल भारत की विकास दर 10.5 फीसदी रह सकती है.