Kashi Ka Kabir: उत्तर प्रदेश में मची चुनावी हलचल से इतर दुनिया के सबसे पुराने शहर वाराणसी में अलग ही शांति का माहौल देखने को मिला. पिछले हफ्ते आयोजित वार्षिक महिंद्रा कबीरा उत्सव के दौरान काशी का ये नजारा बेहद मनमोहक था, जहां गंगा के ऐतिहासिक घाटों के सामने गंगा की लहरों पर तैरती सैकड़ों मोमबत्तियां जगमगा उठी थीं और बनारस की हवा संगीत से भर गई.
कोरोना महामारी के मुश्किल दौर के बीच, पंडित अनूप मिश्रा, अनिरुद्ध वर्मा समेत अन्य कलाकारों के शानदार प्रदर्शन ने पूरे आयोजन को मनमोहक बना दिया. वहीं जुम्मा खान के लोक गीतों ने तो जैसे लोगों में आशा और उम्मीद की किरण जगा दी. संत कबीर को श्रद्धाजंलि देने के लिए आयोजित ये उत्सव मानो उनके आदर्शों का समावेश हो और जिसका भव्य प्रदर्शन किया गया हो.
कबीर ने सहानुभूति, दया, समानता और सरलता के आदर्शों को लोगों के सामने रखा था, लेकिन इन सबसे ऊपर व्यावहारिक ज्ञान का उपदेश दिया था, जो फिलहाल चुनावी माहौल में बेहद जरूरी है