SC on Khori Village: दिल्ली से लगे हरियाणा के फरीदाबाद में खोरी वन क्षेत्र (Khori Village Forest Area) से हटाए गए लोगों को फिर से बसाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में अहम सुनवाई हुई. शुक्रवार को कार्ट ने फरीदाबाद निगम से पूछा कि, खोरी वन क्षेत्र से हटाए गए लोगों को पुनर्वास योजना के तहत दिए जाने वाले फ्लैट्स की कीमत 3,77,500 रुपए क्यों हैं?. जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस दिनेश माहेश्वरी की पीठ ने आगे पूछा कि, जब वास्तव में ये फ्लैट्स प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनाए गए हैं, तो इनकी कीमत अलग क्यों होनी चाहिए?.
इस पर फरीदाबाद नगर निगम ने पीठ से कहा, वह इस संबंध में विस्तृत जानकारी सोमवार को अदालत को मुहैया करा देंगे. जिसपर कोर्ट ने कहा कि, सोमवार को ही इस संबंध में आदेश पारित किया जाएगा. नगर निगम ने सुनवाई के दौरान कहा कि, सिर्फ आधार कार्ड को आवासीय प्रमाण नहीं माना जाना चाहिए.
जिसपर टॉप कोर्ट ने भी साफ किया कि, आधार कार्ड को सिर्फ व्यक्ति के पहचान के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है, इसे आवासीय प्रमाण नहीं माना जा सकता. इसके लिए दूसरे दस्तावेज पेश करने होंगे और अथॉरिटी उन दस्तावेजों की जांच करेगी.