सीडीएस जनरल बिपिन रावत (CDS Bipin Rawat) और ब्रिगेडियर एलएस लिद्दड़ (Brigadier LS Lidder) समेत 12 फौजियों और जनरल रावत की पत्नी मधुलिका के पार्थिव अवशेष जब राजधानी के पालम हवाई अड्डे पर पहुंचे तो हर आंख में आंसू थे. हादसे में मारे गए सभी अधिकारियों और जवानों के परिजन ऊपरी तौर पर संयम के साथ दिखे लेकिन उनकी हालत किसी को भी गमगीन कर दे रहा था.
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गुरुवार शाम को जब CDS रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत का पार्थिव शरीर पालम हवाई अड्डे पर पहुंचा तो उनकी बेटियां ताबूत में रखे अपने माता-पिता के अवशेषों को एकट निहारती रहीं. माहौल तब बेहद गमगीन हो गया, जब इसी हादसे में शहीद ब्रिगेडियर एलएस लिद्दड़ की बेटी आश्ना पिता के ताबूत के पास पहुंचीं. वे कुछ पल देखती रहीं और फिर झुककर पिता के ताबूत को चूम लिया. आश्ना 12वीं की छात्रा हैं. यह देखकर वहां मौजूद हर व्यक्ति का दिल भर आया. आश्ना के आंसू सब्र का बांध तोड़कर पूरे समय बहता रहा.
उधर दूसरी तरफ कुन्नूर हेलिकॉप्टर दुर्घटना में जीवित बचे वायुसेना के ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के पिता रिटायर्ड कर्नल केपी सिंह अस्पताल में अपने बेटे के पास पहुंच गए हैं. उन्होंने कहा कि मेरा बेटा एक योद्धा है और इस लड़ाई में भी जीत हासिल कर लौटेगा. उन्होंने बताया कि पहले भी वरुण सिंह ऐसी इमरजेंसी से गुजर चुके हैं.