सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एन वी रमना (Chief Justice NV Ramana) ने देश भर में ब्यूरोक्रेट्स (Bureaucracy) और राजनेताओं के नेक्सस पर गहरी आपत्ति जाहिर की है. शुक्रवार को चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली बेंच ने कहा वह ऐसे पुलिस अधिकारियों (Police officers) और ब्यूरोक्रेट्स के खिलाफ हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीशों की अध्यक्षता में एक स्टैंडिंग कमेटी बनाने कि सोच रहे थे, जो इस तरह की शिकायतों की जांच करे. चीफ जस्टिस रमना ने कहा कि जिस तरह से ब्यूरोक्रेसी खासकर पुलिस अधिकारी इस देश में व्यवहार कर रहे हैं, उसपर मुझे आपत्ति है. चीफ जस्टिस ने कहा कि अब मैं इसे सुरक्षित रखता हूं...मैं इसे अभी नहीं करना चाहता.
चीफ जस्टिस एन वी रमना ने आगे कहा कि देश में स्थिति बेहद दुखद है. जब कोई राजनीतिक दल सत्ता में होता है तो पुलिस अधिकारी एक विशेष दल के साथ होते हैं. फिर जब कोई नई पार्टी सत्ता में आती है तो सरकार उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करती है. यह एक नया चलन है, जिसे रोकने की सख्त जरूरत है.
बता दें देश के मुख्य न्यायाधीश ने यह टिप्पणी उस वक्त की जब उनकी अध्यक्षता वाली बेंच सीनियर IPS अफसर गुरजिंदर पाल सिंह की तीन अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी.