अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (Akhil Bharatiya Akhara Parishad) के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि (Mahant Narendra Giri) के संदिग्ध मौत की गुत्थी हर बीतते वक्त के साथ और उलझती जा रही है. बुधवार सुबह पांच डॉक्टरों की टीम ने उनका पोस्टमार्टम किया...जिसकी शुरुआती रिपोर्ट में मौत की वजह को दम घुटना बताया जा रहा है. फिलहाल उनका विसरा सुरक्षित रख लिया गया है. इस बीच खुद नरेन्द्र गिरि ने अपने सुसाइड नोट में जिस बलबीर गिरि (Balbir Giri) को अपना उत्तराधिकारी बताया था उन पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं.
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महंत राम विलास वेदांती (Ram Vilas Vedanti) ने बलबीर गिरि को ही मंहत नरेन्द्र गिरि की मौत का जिम्मेदार बताया दिया है. बाद में विवाद बढ़ने पर बलबीर खुद सामने आए और कहा कि मैं फिलहाल उत्तराधिकारी (Successor) नहीं हूं. सिर्फ पंच परमेश्वर ही तय कर सकते हैं कि उत्तराधिकारी कौन होगा. मेरे खिलाफ अगर कोई आरोप हैं तो मैं जांच के लिए पूरी तरह तैयार हूं, मैं यहीं बैठा हूं कहीं नहीं जाने वाला. उन्होंने आगे कहा कि मैं महंत नरेंद्र गिरि की हैंडरेटिंग नहीं पहचानता हूं. चिट्ठी के नीचे उनके साइन थे इसलिए मुझे लगा कि ये उन्होंने ही लिखी है. इससे पहले कल बलबीर ने कहा था कि इस चिट्ठी में नरेन्द्र गिरि की ही लिखावट थी.
दूसरी तरफ मुख्य आरोपी आनंद गिरि से यूपी पुलिस ने पुलिस लाइन में करीब 12 घंटे पूछताछ की है. आनंद गिरी को सुसाइड नोट भी दिखाया गया, नोट दिखाकर भी पूछताछ की गई. पूछताछ में आनंद गिरि बस यही बोलता रहा कि महंत जी खुदकुशी नहीं कर सकते, ये एक साजिश है.