प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल के अपने आखिरी 'मन की बात' कार्यक्रम में गुरु गोविंद सिंह, गीता और कश्मीरी केसर की बात कर आत्मनिर्भर भारत का संकल्प और मजबूत करने की बात कही. उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के बीच देश में नया सामर्थ्य पैदा हुआ है. इस नई सामर्थ्य का नाम आत्मनिर्भरता है. प्रधानमंत्री ने कहा कि जीरो इफेक्ट, जीरो डिफेक्ट की सोच के साथ काम करने का ये उचित समय है. उन्होंने कार्यक्रम के दौरान सिख गुरुओं को भी नमन किया औऱ कहा कि हम उनकी शहादत के कर्जदार है. PM ने गुरु गोविंद सिंह के साहिबजादों की कुर्बानी का जिक्र किया. इसके अलावा PM ने बादशाह अकबर के दरबारी अबुल फजल का किस्सा याद कर कश्मीरी केसर की तारीफ की और लोगों से इसे खरीदने का आग्रह किया. हालांकि उम्मीद के विपरीत PM ने अपने मन की बात में किसान आंदोलन का कोई जिक्र नहीं किया.