National Investigative Agency ने कोरेगांव हिंसा मामले में विशेष अदालत में एक ड्राफ्ट दाखिल किया है, और इस ड्राफ्ट में एनआईए ने आरोप लगाया है कि एल्गार परिषद और माओवादियों के आपस में संबंध रहे हैं और ये लोग मिलकर देश के खिलाफ युद्ध छेड़ना चाहते थे ये मसौदा एनआईए ने इस महीने की शुरूआत में पेश किया था और इसकी कॉपी सोमवार को उपलब्ध कराई गई. ड्राफ्ट रिपोर्ट में दावा किया गया कि आरोपियों ने जेएनयू और टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस समेत कई विश्वविद्यालयों के छात्रों को आतंकी गतिविधियों के लिए भर्ती किया था. इस ड्राफ्ट रिपोर्ट में मानवाधिकार और दूसरे कार्यकर्ताओं समेत 15 आरोपियों के खिलाफ 17 आरोप लगाए गए हैं. इनके खिलाफ UAPA समेत CRPC की कई धाराओं के तहत आरोप लगाए जाने की अपील की गई है.
इस केस में गिरफ्तार आरोपियों में कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज, वरवर राव, आनंद तेलतुम्बडे, शोमा सेन, गौतम नवलखा समेत कई दूसरे लोग शामिल हैं. NIA ने कहा है कि आरोपी एल्गार परिषद बैठक के दौरान पुणे में भड़काऊ गीत बजा रहे थे, लघु नाटक पेश कर रहे थे और नक्सलियों के समर्थन में लिटरेचर भी बांट रहे थे और इनका मकसद भारत से एक हिस्से को अलग करना और लोगों इस तरह के अलगाव के लिए उकसाना था. इसमें आरोप लगाया गया कि आरोपियों का इरादा विस्फोटक पदार्थों का इस्तेमाल कर लोगों के मन में आतंक पैदा करना था. आपको बता दें कि ये मामला 31 दिसंबर 2017 को पुणे में हुए एक सम्मेलन में दिए गए भड़काऊ भाषण से जुड़ा है, पुलिस का कहना है कि इन भाषणों की वजह से अगले दिन कोरेगांव भीमा स्मारक के पास हिंसा हुई