पेगासस जासूसी कांड (Pegasus hearing) को लेकर मचे बवाल के बीच केन्द्र सरकार ने अपने रूख में बदलाव किया है. सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में हलफनामा देकर बताया गया है कि वो इस मामले की जांच के लिए कमेटी (probe committee) बनाएगी. ये एक्सपर्ट्स की कमेटी होगी जो सभी पहलुओं पर गौर करेगी. हालांकि इसके साथ केन्द्र सरकार किसी भी तरह की जासूसी कराए जाने से भी इनकार किया. केन्द्र के हलफनामे के बाद सर्वोच्च अदालत ने 10 दिनों की मोहलत देते हुए इस समयसीमा के अंदर प्रगति रिपोर्ट सौंपने को कहा है.
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं के वकील कपिल सिब्बल ने सरकार से पूछा कि सरकार अब तक मीडिया में गलत खबरें आने की बात कह रही थी तो अब एक्सपर्ट की कमेटी का गठन क्यों कर रही है? कपिल सिब्बल ने कहा हम इंस्टीट्यूशन को लेकर चिंतित है, पत्रकारिता और कोर्ट यह दोनों डेमोक्रेसी के अहम स्तंभ है. इस लिस्ट में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल, अश्विनी वैष्णव और कारोबारी अनिल अंबानी समेत कम से कम 40 पत्रकार भी थे.