कोरोना के इंडियन वेरियंट (Indian Variant) पर अमेरिकी कंपनी फाइजर (Pfizer) के टीके बीएनटी 162 बी2 का असर कम हो सकता है. बायोरैक्सीव जर्नल के स्टडी में कहा गया है कि भारतीय वेरिएंट बी.1. 617 में तीन प्रमुख बदलाव दिखे हैं, जिनमें एल 452आर, ई484क्यू तथा पी681आर हैं. शोध के अनुसार, पी 681आर से इसकी संक्रामक क्षमता में इजाफा हुआ है. हालांकि, आमतौर पर इसमें पहले दो ही बदलावों का जिक्र होता है और इसे डबल म्यूटेशन वायरस के रूप में जाना जाता है. इस अध्ययन में शामिल ICMR के डॉ. अनुराग अग्रवाल ने कहा कि फाइजर के टीके से पैदा हुए एंटीबाडीज इस वायरस के खिलाफ अपेक्षाकृत कम असर दिखा पाएंगी. वहीं उन्होंने ये भी बताया कि यह अध्ययन फाइजर के टीके तक ही सीमित था. फिलहाल भारतीय टीकों के लेकर अध्ययन नहीं किया गया है. बायोरैक्सीव जर्नल के इस स्टडी में कैंब्रिज यूनिवर्सिटी (University of Cambridge) के साथ-साथ सीएसआईआर (CSIR) के वैज्ञानिक भी शामिल हुए.