PM Narendra Modi in COP26 Summit: ग्लासगो में 'वर्ल्ड लीडर समिट ऑफ कोप-26' को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत दुनिया की आबादी का 17 प्रतिशत है, लेकिन फिर भी हम कार्बन उत्सर्जन (Carbon Emission) सिर्फ 5 प्रतिशत ही करते हैं. उन्होंने कहा कि जलवायु को लेकर भारत ने अपना कर्तव्य पूरा करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है. पीएम मोदी बोले कि क्लाइमेट चेंज (Climate Change) की बड़ी बड़ी बातें होती हैं, लेकिन ये सच हम सब जानते हैं कि क्लाइमेट फाइनेंस को लेकर आज तक किए गए वायदे खोखले ही साबित हुए हैं. उन्होंने क्लाइमेट चेंज से निपटने के लिए पांच अहम बातें या प्रपोजल रखा जिसे पंचामृत बताया. ये हैं...
पहला- साल 2030 तक भारत अपनी गैर-जीवाश्म ऊर्जा (Non Fossilised Energy) क्षमता को 500 गीगावाट तक पहुंचाएगा.
दूसरा- भारत 2030 तक अपनी 50 प्रतिशत ऊर्जा रेन्यूबल सोर्स (Renewable Energy) से पूरी करेगा.
तीसरा- भारत अब से लेकर 2030 तक के कुल प्रोजेक्टेड कार्बन एमिशन में एक बिलियन टन की कमी करेगा.
चौथा- 2030 तक भारत, अपनी अर्थव्यवस्था की कार्बन इंटेन्सिटी को 45 प्रतिशत से भी कम करेगा.
और पांचवा- साल 2070 तक भारत, नेट जीरो का लक्ष्य हासिल करेगा.
पीएम मोदी ने बताया कि आज भारत स्थापित अक्षय ऊर्जा क्षमता (installed renewable energy capacity) में विश्व में चौथे नंबर पर है. उन्होंने कहा कि दुनिया की पूरी आबादी से भी अधिक यात्री, भारतीय रेल से हर वर्ष यात्रा करते हैं. इस विशाल रेलवे सिस्टम ने अपने आप को 2030 तक 'नेट जीरो' बनाने का लक्ष्य रखा है. ग्लासगो में उन्होंने LIFE मंत्र भी दिया, यानि लाइफस्टाइल फॉर इन्वॉयरमेंट (Lifestyle For Environment).
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