रोहिणी कोर्ट (Rohini court Firing) में हुई फायरिंग को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है. आम आदमी पार्टी ने इस घटना को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि ये पूरी तरह से दिल्ली पुलिस की विफलता है और क्या इसी लिए सारे नियम और कानूनों को ताक पर रखकर केंद्र सरकार ने अपने पसंदीदा अफसर को दिल्ली पुलिस का कमिश्नर बनाया है. सौरभ भारद्वाज ने कहा कि यह बड़े शर्म की बात है, कि हम पहली बार कोर्ट परिसर में नहीं बल्कि कोर्ट रूम में गोलीबारी होते हुए देख रहे हैं. पार्टी ने मांग की है कि हाईकोर्ट इस मामले में स्वत: संज्ञान ले और दिल्ली पुलिस कमिश्नर को इसके लिए जवाबदेह बनाए.
जहां आम आदमी पार्टी के निशाने पर केंद्र सरकार रही तो वहीं कांग्रेस ने इस घटना के लिए केंद्र और AAP दोनों को जिम्मेदार ठहराया. दिल्ली कांग्रेस ने ट्वीट करते हुए कहा कि देश की राजधानी में कोर्ट परिसर के भीतर जंगलराज है और दिल्ली में कानून व्यवस्था पूरी तरह से फेल है.
वहीं रोहिणी कोर्ट बार एसोसिएशन ने इस घटना के पीछे सुरक्षा में कोताही को जिम्मेदार बताया है. बार के मुताबिक ऐसी घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं और बार बार अनुरोध करने पर भी पुलिस चौकसी नहीं बढ़ा रही है. वहीं सुरक्षा इंतजामों की समीक्षा के लिए शुक्रवार शाम रोहिणी कोर्ट खाली करवा ली गई. साथ ही घटना के विरोध में वकीलों ने 25 सितंबर को हड़ताल का भी ऐलान किया है.
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