फ्रांसीसी जर्नल 'मीडियापार्ट' ने राफेल डील (Rafale deal) को लेकर नया दावा किया है. 'मीडियापार्ट' ने एक इनवॉयस पब्लिश कर दावा किया कि राफेल बनाने वाली फ्रांसीसी कंपनी दसॉल्ट एविएशन ने डील को फाइनल करने के लिए भारतीय बिचौलिए सुशेन गुप्ता को करीब 65 करोड़ रुपये की रिश्वत (bribe) दी जिसकी जानकारी CBI और ED को भी थी. 'मीडियापार्ट' के मुताबिक CBI और ED ने दस्तावेजों के बावजूद कोई भी एक्शन नहीं लिया और मामले को आगे नहीं बढ़ाया.
ये भी देखें । Shashi Tharoor ने पीएम मोदी को बताया चतुर राजनेता, कहा: गांधी-पटेल से अलग बनाई पहचान
'मीडियापार्ट' की रिपोर्ट में कथित फेक चालानों की मदद से डील को सेक्योर करने और 65 करोड़ रुपये के भुगतान को सक्षम बनाया गया. जर्नल ने ऑफशोर कंपनियां और संदिग्ध अनुबंध की भी बात कही है. इससे पहले मीडियापार्ट ने जानकारी दी थी कि राफेल डील में संदिग्ध 'भ्रष्टाचार और पक्षपात' की जांच के लिए एक फ्रांसीसी न्यायाधीश को नियुक्त किया गया है. मालूम हो कि केंद्र सरकार ने सितंबर 2016 में दसॉल्ट एविएशन से 36 राफेल जेट खरीदने के लिए 59,000 करोड़ रुपये के समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. जिसके बाद से विपक्ष लगातार इस सौदे में भ्रष्टाचार का मामला उठा रहा है.