सामाजिक न्याय और आधिकारिता मंत्रालय ने ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस यानी NDPS एक्ट और इसके सख्त प्रावधानों में बदलाव की सिफारिश (Recommendation) की है. मंत्रालय ने राजस्व विभाग को ये प्रस्ताव भेजा है. जिसके तहत कम मात्रा में ड्रग्स की बरामदगी और व्यक्तिगत उपभोग को गैर-अपराधिक बनाने की बात कही गई है. पिछले महीने एनडीपीएस एक्ट के नोडल अथॉरिटी- राजस्व विभाग ने कई मंत्रालयों और विभागों से कानून में बदलाव का सुझाव मांगा था. जिसके बाद सामाजिक न्याय और आधिकारिता मंत्रालय ने एक्ट की समीक्षा के बाद सुझाव दिया है कि जिनके पास कम मात्रा में ड्रग्स मिले उन्हें जेल की सजा की जगह रीहबिलटैशन के लिए भेजना चाहिए.
मुंबई क्रूज ड्रग्स केस मामले में फंसे शाहरुख खान के बेटे पर आर्यन खान पर भी इस अधिनियम की धारा 27 लगाई गई है, जिसमें किसी भी मादक पदार्थ के सेवन के लिए एक साल तक की कैद या 20,000 रुपए तक जुर्माना या दोनों का प्रावधान है. इससे फर्क नहीं पड़ता की कोई ड्रग्स एडिक्ट हो या फिर पहली बार इस्तेमाल कर रहा हो. एक आरोपी को सजा से छूट का लाभ तभी मिल सकता है जब वह खुद रीहबिलटैशन के लिए पहल करे. इसके अलावा एनडीपीएस एक्ट के तहत राहत या छूट का कोई प्रावधान नहीं है.