RSS प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने एक बार फिर देश के बंटवारे (Partition) का मुद्दा उठाया है. भागवत ने कहा है कि देश का विभाजन कभी ना मिटने वाला दर्द है. उन्होंने कहा कि इसका समाधान तभी होगा जब यह बंटवारा खत्म हो जाएगा. नोएडा के एक कार्यक्रम में भागवत ने कहा कि विभाजन कोई राजनैतिक प्रश्न नहीं है, बल्कि यह अस्तित्व का प्रश्न है. उन्होंने कहा कि भारत के विभाजन का प्रस्ताव स्वीकार ही इसलिए किया गया, ताकि खून की नदियां ना बहें, लेकिन उसके उलट तब से अब तक कहीं ज्यादा खून बह चुका है. 1947 में लोगों के मन में नफरत की दीवार खड़ी हुई, जो आजतक महसूस की जा रही है.
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भागवत ने कहा कि भारत एक जमीन का टुकड़ा नहीं हमारी मातृभूमि है. संपूर्ण दुनिया को कुछ देने लायक हम तब होंगे जब विभाजन हटेगा. उन्होंने कहा कि देश का बंटवारा एक राजनीतिक मसला नहीं था. देश के विभाजन के लिए तात्कालीन परिस्थितियों से ज्यादा ब्रिटिश सरकार और इस्लामी आक्रमण जिम्मेदार थे.
RSS चीफ ने कहा कि हिंदू समाज को संगठित होने की जरूरत है. हमारी संस्कृति विविधता में एकता की है, इसलिए हिंदू यह नहीं कह सकता कि मुसलमान नहीं रहेंगे. भागवत ने कहा कि अनुशासन का पालन सबको करना होगा.