संयुक्त किसान मोर्चा ने सफाई दी कि उसने किसानों से एक मार्च से पांच मार्च के बीच दूध नहीं बेचने या दाम बढ़ाने जैसी कोई अपील नहीं की है. दरअसल, संयुक्त किसान मोर्चा का ये स्पष्टीकरण सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक मैसेज के बाद सामने आया है. वायरल मैसेज में कहा जा रहा था कि कृषि कानूनों के विरोध में किसान नेताओं ने दूध के दाम बढ़ाने का फैसला किया है. मैसेज में ये भी दावा किया गया कि लोग एक-दो दिन दूध नहीं खरीदेंगे लेकिन तीसरे दिन उन्हें मजबूरी में दूध खरीदना ही पड़ेगा.मैसेज में किसानों से 100 रुपए प्रति लीटर दूध बेचने की अपील की गई थी. वायरल मैसेज के बाद ही लोगों में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई थी. अब संयुक्त किसान मोर्चा ने एक बयान जारी कर इस वायरल मैसेज को अफवाह बताया है.