पत्रकार अर्नब गोस्वामी को आत्महत्या के लिए उकसावे के एक मामले में अग्रिम जमानत देने के करीब 15 दिनों बाद सुप्रीम कोर्ट ने बेल दिए जाने के कारणों को स्पष्ट किया है. कोर्ट ने कहा कि महाराष्ट्र पुलिस की ओर से दर्ज FIR का प्रथम दृष्टया मूल्यांकन अर्नब के खिलाफ आरोप स्थापित नहीं करता है. अदालत के मुताबिक आरोपों की प्रकृति और गोस्वामी के खिलाफ आरोप के स्तर पर हाईकोर्ट ने ध्यान नहीं दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अर्नब गोस्वामी को मिली अंतरिम जमानत बॉम्बे हाईकोर्ट के याचिका का निपटारा करने तक जारी रहेगी. इसके अलावा कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट, निचली अदालत को राज्य द्वारा आपराधिक कानून के दुरुपयोग के प्रति सतर्क रहना चाहिए.