सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र के तीन कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों को लगातार दूसरे दिन खरी-खरी सुनाई है. दरअसल, किसान महापंचायत (Kisan Mahapanchayat) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में एक याचिका दायर की थी. जिसमें जंतर मंतर (Jantar Mantar) पर इन कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन करने की इजाजत मांगी गई है. इसी पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि, प्रदर्शन की मांग करने वाली इस याचिका का कोई मतलब नहीं.
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कोर्ट ने कहा, अगर आप अदालत में विश्वास रखते हैं, तो प्रदर्शन की क्या जरूरत है?. आपने पूरे शहर का गला घोंट रखा है. और अब शहर के अंदर आ कर प्रदर्शन करना चाहते हो. कोर्ट ने कहा, आपको प्रदर्शन का अधिकार है. लेकिन प्रदर्शन के नाम पर सरकारी संपत्ति को नुकसान और सुरक्षाकर्मियों पर हमले की इजाजत नहीं दी जा सकती. जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस रविकुमार की बेंच ने तल्ख लहजे में कहा, कि आप ट्रेनें रोक रहे हैं, हाइवे बंद कर रहे हैं.
क्या शहरी लोग अपना बिजनेस बंद कर दें. क्या ये लोग शहर में आपके धरने से खुश होंगे?. हालांकि इस पर महापंचायत के वकील ने कोर्ट से कहा कि, हाईवे पुलिस ने बंद किए हैं. हमने नहीं. हम जंतर मंतर पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करना चाहते हैं. और हम एक अलग ग्रुप हैं. अब टॉप कोर्ट ने इस बाबत महापंचायत को एक हलफनामा भी दाखिल करने का निर्देश दिया है. इस मामले की सुनवाई अब 4 अक्टूबर सोमवार को होगी.