Supertech Tower: नोएडा में सुपरटेक के एमरेल्ड टावर प्रोजेक्ट मामले में SIT जांच के बीच कई बार नियमों को ताक पर रखने की बात सामने आ रही है. नियमों को ताक पर रखने का एक मात्र लक्ष्य बिल्डर (builder) को सीधा फायदा पहुंचाना रहा है.
बताया जा रहा है कि नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों ने बिल्डर को फायदा पहुंचाने के लिए एमराल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट में एक या दो नहीं बल्कि तीन बार मैप में बदलाव किया. पहला बदलाव करते हुए ग्रीन बेल्ट को खत्म कर बिल्डर को निर्माण करने की इजाजत दी गई. दूसरी बार बदलाव कर दोनों टावर के बीच की निर्धारित दूरी को कम किया गया, और तीसरे बदलाव में टावर की ऊंचाई में बदलाव किया गया क्योंकि पहले टावर की ऊंचाई 73 मीटर थी जिसे बढ़ाकर 120 मीटर कर दिया गया.
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) की ओर से सुपरटेक के इन ट्विन टावरों को ध्वस्त करने के आदेश के बाद से ये मामला सुर्खियों में है. योगी सरकार ने मामले की जांच के लिए SIT टीम गठित की है, जो 2004 से लेकर 2017 के बीच तैनात अधिकारियों की कार्यप्रणाली की जांच कर रही है. जांच पूरी होने पर इस भ्रष्टाचार में शामिल सभी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सकती है.