सुप्रीम कोर्ट ने शाहीन बाग मामले में पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी है. सुप्रीम कोर्ट ने फिर कहा है कि धरना प्रदर्शन लोकतंत्र का हिस्सा है लेकिन उसकी एक सीमा है. धरना प्रदर्शन लोग अपनी मर्जी से और किसी भी जगह नहीं कर सकते. दरअसल पिछले साल अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने शाहीन बाग के CAA प्रोटेस्ट पर फैसला देते हुए कहा था धरने के लिए सार्वजनिक स्थान पर कब्जा नहीं किया जा सकता. फैसले को सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार करने के लिए चुनौती दी गई थी. तीन न्यायाधीशों एसके कॉल, अनीरुद्ध बोस और कृष्ण मुरारी की बेंच ने ये याचिका खारिज की. बता दें कि साल 2019 में शाहीन बाग CAA के विरोध के केंद्र के रूप में सामने आया था. मार्च में लगाए गए लॉकडाउन के बाद ये प्रदर्शन खत्म हुआ था.