सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने फालतू याचिकाओं की बढ़ती संख्या पर सख्त नाराजगी जताई है. सर्वोच्च अदालत ने कहा है कि सामूहिक रूप से हम सभी न्यायिक प्रणाली (Judicial System) का मजाक बना रहे हैं. कोर्ट ने कहा कि हमें हर मामले में अपील का चलन रोकना होगा.
देश के टॉप कोर्ट में लंबित मामलों (Pending Cases) की बढ़ती संख्या पर सख्त रूख अपनाया है. जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस हृषिकेश रॉय की पीठ ने कहा हम पर अग्रिम जमानत, जमानत, (Anticipatory bail, Bail) अंतरिम राहत आदि विविध याचिकाओं की ‘बमबारी’ होती रहती है. यही वजह है कि हमें पुराने मामलों को तय करने के लिए समय ही नहीं मिलता है.
दरअसल, मंगलवार को पीठ के सामने मुआवजे से संबंधित कई मामले सूचीबद्ध थे. पीठ ने पाया कि इन मामलों में अंतरिम राहत के लिए एक के बाद एक आवेदन दाखिल किए जा रहे हैं. लिहाजा पीठ ने इसे लेकर सख्त नाराजगी जताई.
दो जजों की पीठ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में एक दशक से अधिक पुरानी दीवानी और फौजदारी अपीलें लंबित हैं. हमें यह कहते हुए खेद है, लेकिन कानूनी बिरादरी भी केवल इन अंतरिम राहत के मामलों में रुचि रखती है. कोई भी अंतिम मामलों पर बहस नहीं करना चाहता.