केंद्र सरकार ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर को साफ कह दिया है कि भले ही कंपनी के अपने नियम हों, लेकिन उसे देश के कानूनों का पालन करना ही चाहिए. किसान आंदोलन को लेकर दुष्प्रचार और भड़काऊ बातें फैला रहे अकाउंट और हैशटैग के खिलाफ सरकार के निर्देश के बावजूद तुरंत कार्रवाई ना करने पर केंद्र ने नाराजगी जताई. बुधवार को आईटी सचिव ने ट्विटर के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ डिजिटल संवाद के दौरान ये बातें कही. सरकार की तरफ से कहा गया कि ट्विटर को कारोबारी निकाय के रूप में कानूनों और लोकतांत्रिक संस्थानों का सम्मान करना ही चाहिए. बता दें कि ट्विटर ने 500 से अधिक अकाउंट सस्पेंड किए हैं. लेकिन अभिव्यक्ति की आजादी का हवाला देते हुए खबरिया निकायों, पत्रकारों, कार्यकर्ताओं और नेताओं के अकाउंट पर रोक लगाने से इनकार किया है.