इजरायली स्पाईवेयर पेगासस से कथित जासूसी (Pegasus Snoopgate) के मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार को फटकार लगाई है. चीफ जस्टिस (chief Justice ) की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि हम राष्ट्रीय सुरक्षा (National Security) के तर्क को समझते हैं और लेकिन साथ ही ये जानना चाहते हैं निजी तौर पर जिन लोगों के फोन टैपिंग के आरोप लगाए जा रहे हैं क्या वह बात सही है या फिर गलत?
दरअसल सोमवार को एक बार फिर केन्द्र सरकार (central government) ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देकर हलफनामा दाखिल करने से साफ तौर पर इनकार कर दिया. हालांकि इससे पहले हुई दो सुनवाई में केन्द्र ने हलफनामे की बात कहकर ही वक्त लिया था. अब केन्द्र सरकार ने कहा है कि वह जासूसी के आरोपों की जांच के लिए पैनल गठित करने को राजी है. इसके बाद चीफ जस्टिस रमन्ना ने कहा कि अगर सरकार अतिरिक्त हलफनामा नहीं दाखिल करती है तो अदालत को इस मामले में अपना आदेश जारी करना होगा. लगभग डेढ़ घंटे तक हुई बहस के बाद न्यायालय ने अंतरिम आदेश सुरक्षित रख लिया.
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दूसरी तरफ याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और अन्य ने कहा कि हम भी नहीं चाहते कि सरकार, राज्य की सुरक्षा के बारे में कोई जानकारी दें. अगर पेगासस को एक तकनीक के रूप में इस्तेमाल किया गया तो उन्हें जवाब देना होगा.