CBI-ED Chief's Term Extension: केंद्र सरकार के सीबीआई (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) के प्रमुख का कार्यकाल 5 साल तक बढ़ाने वाले अध्यादेश के खिलाफ कांग्रेस और ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पहुंच गई हैं. गुरुवार को मोदी सरकार के इस फैसले के खिलाफ कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला (Randeep Surjewala) ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की. इससे पहले बुधवार को TMC सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) ने टॉप कोर्ट में अध्यादेश को चुनौती देने वाली याचिका दाखिल की थी.
आपको बता दें कि मोदी सरकार ने कार्यकाल बढ़ाने का ये फैसला ऐसे वक्त में लिया जब ED के डायरेक्टर संजय कुमार मिश्र 19 नवंबर को रिटायर होने वाले थे, पर अब वो अपने पद पर बने रहेंगे.
वहीं, महुआ मोइत्रा ने सरकार पर सत्ता के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए कहा कि, केंद्र का ये अध्यादेश सीबीआई और ईडी की स्वतंत्रता और निष्पक्षता पर हमला करते हैं. एक एक साल का तीन एक्सटेंशन तभी मिलेगा जब CBI-ED चीफ सरकार के इशारों पर चलेंगे. तो वहीं इससे पहले लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा था कि यह अध्यादेश मोदी सरकार की तानाशाही प्रवृत्ति का एक और उदाहरण है. आपको बता दें कि चौधरी उस समिति के सदस्य हैं जो CBI डायरेक्टर का चयन करती है. सीबीआई निदेशक की चयन समिति में प्रधानमंत्री, चीफ जस्टिस और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष शामिल होते हैं.
बता दें कि, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) ने रविवार 14 नवंबर को मोदी सरकार के उन अध्यादेशों को हरी झंडी दी थी जिनके जरिए ED और CBI के निदेशकों का कार्यकाल 5 साल तक बढ़ाया जा सकेगा. पहले दोनों का टर्म 2 साल का था. पर अब इन्हें एक एक साल का तीन एक्सटेंशन मिल सकता है.
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