यूपी (Uttar Pradesh) के सरकारी स्कूलों में मिड-डे मील (Mid Day Meal) बनाने वाली करीब चार लाख रसोइयों को खुद अपने घर के लिए दो वक्त की रोटियां जुटाना मुश्किल हो रहा है. ऐसे में वो सड़कों पर उतर आई हैं और अपने हक की मांग कर रही हैं.
दरअसल, इन्हें खाना बनाने के काम के लिए हर माह मात्र 1500 रुपये दिए जाते हैं और वो भी पिछले 8 महीने से नहीं मिले हैं. वहीं आगामी त्योहारों को देखते हुए इनकी चिंता और बढ़ गई है.
यूपी रसोइया कर्मचारी संगठन की अध्यक्ष रेनू शर्मा (Renu Sharma) ने बताया कि आठ महीने हो गए हैं, लेकिन हमारी रसोइयों को अभी तक मानदेय नहीं दिया गया है. इनका कहना है कि सरकार को ये सोचना चाहिए कि हमें देना वाला मानदेय 50 रुपये दिन के क्या है, कुछ नहीं. सरकार को हमारी आवाज़ सुनाई नहीं दे रही है पर उनको सुनना पड़ेगा, नहीं तो इसका परिणाम अच्छा नहीं होगा.
बता दें कि राज्य के सरकारी स्कूलों (Govt. Schools) में पढ़ने वाले गरीब बच्चों के लिए हज़ारों रसोइयां रखी गई हैं. आंकड़ों के मुताबिक यूपी के 1 लाख 68 हज़ार 768 स्कूलों में 18 लाख से अधिक बच्चे पढ़ते हैं, जिनके लिए 3 लाख 95 हज़ार से अधिक रसोइयां खाना बनाती हैं.
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