सरकार के साथ 8वें दौर की बातचीत से पहले किसान नेताओं ने सकारात्मक रुख दिखाया है. अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह ने कहा है कि मैं नहीं जानता की आज की बातचीत में क्या होगा. लेकिन गुरुवार को कृषि मंत्री ने साफ कर दिया है कि नए कानूनों की वापसी की मांग नहीं मानी जाएगी. ऐसे में हम केवल अच्छे परिणाम निकलने की केवल आशा कर सकते हैं, हालांकि हम बुरे हालात के लिए भी तैयार हैं. दूसरी तरफ भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा है मुझे आशा है कि आज समाधान निकल जाएगा. वहीं किसान नेता गुरनाम सिंह ने साफ किया है कि हमारे आंदोलन में कोई भी फैसला किसान संगठन के नेता ही लेंगे. किसी लक्खा बाबा ने समझौते की पेशकश नहीं की है.