गुरुवार को गाजीपुर बॉर्डर पर राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) और दूसरे किसान (Gazipur Border) सर्विस लेन से तंबू हटाते देखे गए, ये तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल भी हुईं. हालांकि सवालों के जवाब में राकेश टिकैत और दूसरे किसानों ने कहा कि कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हुए हम यहां रास्ता बना रहे हैं, लेकिन हम ये बता दें कि रास्ता हमने नहीं बल्कि पुलिस ने ब्लॉक किया है. टिकैत बोले कि अब हम दिल्ली जा रहे हैं और संसद पर बैठेंगे. वहीं किसान संगठन गाजीपुर बॉर्डर को खाली करने और आंदोलन के धीमा पड़ने की चर्चाओं को खारिज कर रहे हैं.
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इससे थोड़ी देर पहले ही गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर किसान संगठनों को रास्ता जाम करने पर फटकार लगाई. सुप्रीम कोर्ट ने कहा - “आप किसी भी तरह विरोध करिए, लेकिन इस तरह सड़क रोककर नहीं. कानून पहले से तय है. हमें क्या बार-बार ये ही बताना होगा. सड़कें साफ होनी चाहिए. आपको आंदोलन करने का अधिकार है लेकिन सड़क जाम नहीं कर सकते.”
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने किसान संगठनों को सड़क से हटने पर जवाब दाखिल करने के लिए 7 दिसंबर तक का समय दिया है. अब इस मामले में अगली सुनवाई 7 दिसंबर को होगी.