भारत में हेट स्पीच, गलत जानकारी और हिंसा को बढ़ावा देने वाले कंटेंट को सोशल मीडिया साइट फेसबुक रोक नहीं पा रहा है. अमेरिकी मीडिया ने इंटरनल Facebook डॉक्यूमेंट्स से इस का दावा किया है. The New York Times की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इंटरनल डॉक्यूमेंट के टाइटल 'Adversarial Harmful Networks: India Case Study' में फेसबुक के रिसर्चर ने लिखा है कि एफबी पर मिसलीड करने वाले एंटी-मुस्लिम कंटेट भरे हुए थे.
ऐसे ग्रुप्स खासकर कोरोना महामारी के दौरान सक्रिय थे. इस रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि, इंटरनल डॉक्यूमेंट के मुताबिक, फेक अकाउंट्स सत्ताधारी पार्टी और विपक्ष के साथ मिलकर चुनाव को प्रभावित कर रहे थे. NYT ने बताया कि 2019 चुनाव के बाद एक सेपरेट रिपोर्ट प्रोड्यूस की गया. जिसमें फेसबुक ने पाया कि, 40 परसेंट से ज्यादा टॉप व्यूज या इम्प्रेशन पश्चिम बंगाल में फेक या इनऑथेंटिक थे.
जिनमें इनऑथेंटिक का इम्प्रेशन 30 मिलियन से ज्यादा था. फेसबुक की रिपोर्ट का हवाला देते हुए, NYT ने कहा कि भारत में आधिकारिक तौर पर मान्यता प्राप्त 22 भाषाओं में से, फेसबुक ने अपने AI सिस्टम को 5 पर ट्रेन किया है. लेकिन, हिंदी और बंगाली में इसके पास मॉनिटर करने के लिए पूरा डेटा नहीं है. इस वजह से ऐसे पोस्ट पर कार्रवाई नहीं हो पाती है.