ओमिक्रॉन को लेकर फैले डर (panic of Omicron) के बीच वैज्ञानिकों (scientists) के दावों ने कुछ राहत जरूर दी है. यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया (University of California) की इम्यूनोलॉजिस्ट मोनिका गांधी ने कहा कि ओमिक्रॉन वेरिएंट इतनी इम्युनिटी पैदा करेगा जिससे महामारी धीरे-धीरे दब जाएगी. Bloomberg की एक रिपोर्ट में भी कई वैज्ञानिकों और अध्ययनों का हवाला दिया गया जिससे पता चला कि ओमिक्रॉन वेरिएंट डेल्टा वेरिएंट जितना घातक नहीं है.
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पिछले हफ्ते हुए पांच अध्ययनों के मुताबिक ओमिक्रॉन वेरिएंट फेफड़ों तक पहुंचने या उनपर वार करने में भी ज्यादा सक्षम नहीं है. ओमिक्रॉन को शरीर के दूसरे T-cells और B-cells के खिलाफ लड़ाई में पहले के वेरिएंट्स की तुलना में उतना मजबूत नहीं पाया गया. रिचर्स की मानें तो पिछले छह महीने में कोरोना संक्रमित हुए या वैक्सीन ले चुके लोगों के शरीर के T-cells ओमिक्रॉन की पहचान कर उसे पहले ही कमजोर कर देंगे.