हिमाचल प्रदेश में मंगलवार को शिमला और हमीरपुर जिले में जंगल में आग लगने की दो घटनाएं सामने आयीं. गर्मियों की शुरुआत के बाद से राज्य में जंगलों में आग लगने की 991 घटनाएं सामने आयी हैं.यह जानकारी अधिकारियों ने दी.अधिकारियों ने बताया कि पूर्वाह्न करीब 11.30 बजे शिमला के टूटीकंडी इलाके में स्थित एक जंगल में भीषण आग लग गई जो एक सरकारी इमारत तक पहुंच गई.इसमें किसी के हताहत होने की अभी तक कोई सूचना नहीं है.
उन्होंने बताया कि हमीरपुर में, जंगल की आग में मुख्य पंप हाउस क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण शहर में पेयजल आपूर्ति बाधित हो गई.उन्होंने बताया कि आग हीरानगर क्षेत्र में दोपहर करीब ढाई बजे लगी और तेजी से पूरे जंगल में फैल गई और पंप हाउस तक पहुंच गई.अग्निशमन विभाग के आंकड़े के मुताबिक, इस गर्मी के मौसम में राज्य में जंगल में आग लगने की 991 घटनाएं सामने आई हैं। शिमला, सोलन, बिलासपुर, मंडी और कांगड़ा जिलों में बार-बार आग लगने की घटनाएं देखी गईं.
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हिमाचल प्रदेश के प्रधान मुख्य वन संरक्षक राजीव कुमार ने राज्य में भीषण गर्मी के कारण तापमान में वृद्धि को जंगल की आग की घटनाओं के लिए जिम्मेदार ठहराया.उन्होंने कहा कि जंगल में जलती सिगरेट फेंकने और विभिन्न उद्देश्यों के लिए आग जलाने जैसी मानव निर्मित गतिविधियों के कारण भी बड़ी संख्या में आग लगती है.उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं को नियंत्रित करने के प्रयास किए जा रहे हैं.
हिमाचल में कुल 2,026 वन बीट हैं, जिनमें से 339 आग के प्रति 'अति संवेदनशील', 667 'संवेदनशील' हैं और 1,020 जंगल की आग के प्रति कम संवेदनशील हैं.उन्होंने बताया कि टूटीकंडी में आग पूर्वाह्न करीब 11.30 बजे लगी.उन्होंने बताया कि यह तेजी से पूरे जंगल में फैल गई और शिमला शहर के बाहरी इलाके में स्थित सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग के बाल आश्रम तक पहुंच गई.
अधिकारियों ने बताया कि दमकल की गाड़ियां आश्रम के आसपास लगी आग पर काबू पाने में सफल रहीं.प्रभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) शिमला (ग्रामीण) अनीश शर्मा ने इसकी पुष्टि की और कहा कि आग बुझाने के प्रयास किए जा रहे हैं जिसमें एक से दो घंटे लगेंगे.
जल शक्ति विभाग के हमीरपुर उपमंडल के सहायक अभियंता ने बताया कि पंप हाउस की तार व अन्य उपकरण जल गए हैं और शहर में अगले दो दिन तक जलापूर्ति बाधित रह सकती है.शहर के हीरानगर जलाशय से 50,000 से अधिक लोगों को पानी की आपूर्ति होती है। उन्होंने सभी शहरवासियों से पानी का उपयोग मितव्ययता से करने की अपील की है.