गुप्त नवरात्रि साल में दो बार मनाई जाती है. एक आषाढ़ और दूसरी माघ के महीने में. आषाढ़ गुप्त नवरात्रि आमतौर पर जून-जुलाई के महीनों में आती है, जबकि माघ गुप्त नवरात्रि जनवरी-फरवरी के महीनों में आती है. गुप्त नवरात्रि विशेष रूप से तंत्र साधना और शक्ति उपासना के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है.
हर बार मां दुर्गा नवरात्रि में एक विशेष वाहन पर सवार होकर आती हैं. आषाढ माह की गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर आएंगी. माना जाता है कि मां दु्र्गा का घोड़े पर सवार होकर आना प्राकृतिक आपदा का संकेत है.
इस साल आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 6 जुलाई से शुरू होकर 15 जुलाई को खत्म होगी. गुप्त नवरात्रि में माता दुर्गा के दस गुप्त रूपों की पूजा करते हैं, जिन्हें गुप्त नवरात्रि की देवियां कहा जाता है. गुप्त नवरात्रि तंत्र साधना के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है. इस दौरान व्यक्ति विशेष तांत्रिक क्रियाओं और मंत्रों का प्रयोग कर पूजा-साधना करते हैं. यह साधना साधक की आत्मिक और शारीरिक शक्ति को बढ़ाने में मदद करती है.
गुप्त नवरात्रि के दौरान दुर्गा सप्तशती, देवी महात्म्यम और अन्य तांत्रिक ग्रंथों का पाठ किया जाता है. साथ ही, साधक नौ दिनों तक व्रत रखते हैं और माता दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा करते हैं. यही नहीं, इन दिनों विशेष रूप से मंत्र जाप, हवन, और यज्ञ भी किए जाते हैं.
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