आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (artifical Intelligence) यानी AI के गॉडफादर कहे जानेवाले जेफ्री हिंटन (Geoffrey Hinton) ने गूगल (google) से इस्तीफा दे दिया है. उनका कहना है कि जिस तकनीक को विकसित करने में उन्होने मदद की उससे कई खतरे भी हैं. वहीं गूगल के चीफ साइंटिस्ट जेफ डीन ने हिंटन की चिंताओं पर कहा है कि इस तरह के खतरे को कम करने के लिए हम एआई तकनीक को लेकर एक जिम्मेदार दृष्टिकोण बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं. बता दें कि हिंटन 10 साल से ज्यादा समय तक गूगल के जुड़े रहे. हिंटन ने कहा कि एआई के क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा को रोकना असंभव हो सकता है, इसकी वजह से इतनी नकली इमेज और टेक्स्ट वाली दुनिया होगी कि कोई भी यह नहीं बता पाएगा कि इनमें से सही कौन है, ये पूरी दुनिया के लिए काफी खतरनाक है.
जेफ्री हिंटन अपने उत्तम कार्य के लिए कंप्यूटिंग का नोबेल पुरस्कार पा चुके हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि मैं खुद को दिलासा देता हूं कि अगर मैंने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस को लेकर काम नहीं किया होता, तो कोई और करता. सबसे जरूरी बात यह है कि इस तकनीक को हम गलत इस्तेमाल या बुरे लोगों के हाथों में जाने से कैसे रोक सकते हैं?
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तकनीकी दिग्गज जेफ्री हिंटन और उनके दो छात्रों द्वारा शुरू की गई एक कंपनी के अधिग्रहण के बाद वे गूगल में शामिल हो गए, जिनमें से एक छात्र ओपनएआई में मुख्य वैज्ञानिक बन गया. हिंटन और उनके छात्रों ने एक न्यूरल नेटवर्क विकसित किया था जो हजारों तस्वीरों का विश्लेषण करने के बाद खुद को कुत्तों, बिल्लियों और फूलों जैसी सामान्य वस्तुओं की पहचान करना सिखाता था। यह वह कार्य है जिसके कारण अंततः ChatGPT और गूगल बार्ड का निर्माण हुआ.